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आस -एक उम्मीद

soch jo badal jaye
soch jo badal jaye
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आस है सबसे अनमोल मोती,दीपक बिन न जल सके ज्योति
उम्मीदों का दामन न छोड़ो, दिल के रिश्तों को कभी न तोड़ो

क्रोध का विष होता है गहरा, रखो नियंत्रण इस पर सदा
ले आये रिश्तों में ये टकराव, न लाओ रिश्तो में ऐसा पड़ाव

पाँव रखो जमीन पर, सपनों को तुम उड़ने दो
अहंकार से कभी चूर न हो, रिश्तों की तुम क़द्र करो

जो कल था वो आज नही, जो आज है वो कल न होगा
जीवन की है ये सच्चाई, ये सच नही बदलेगा

एक ऐसा घरोंदा बनाओ, जहाँ बरसे प्यार का सावन
रिश्तों में मिठास जहाँ हो, हर एक दिन हो मनभावन

राहों में सदा बढ़ते चलो, एक ऐसी डगर बनाओ
पथरीली भी हो जिसकी जमीन, फिर भी तुम मुस्कुराओ

खुद को किसी से बड़ा न समझो, हमेशा सबसे विनम्र बनो
खुशियों की सौगातें बाटों, दिल की तुम आवाज सुनो

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